देश के 3.5 लाख रिसर्चर 1500 करोड़ खर्च कर विदेशी जर्नल पढ़ते हैं; अब सरकार एक सब्सक्रिप्शन लेगी, हर नागरिक पढ़ सकेगा

(अनिरुद्ध शर्मा). विज्ञान और प्राैद्याेगिकी मंत्रालय ने बुधवार को नई साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन पॉलिसी का मसौदा आम जनता के लिए जारी कर दिया। अगले एक दशक में भारत को विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनाने के लक्ष्य के साथ जारी ड्राफ्ट पर 25 जनवरी तक सुझाव देने काे कहा गया है। इसमें ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ नीति लागू करने की सिफारिश की गई है। यानी दुनियाभर के सभी साइंटिफिक जर्नल का सब्सक्रिप्शन केवल सरकार लेगी और उनका एक्सेस (उन तक पहुंच) देश के हर नागरिक काे मिलेगा।

अभी देश में करीब साढ़े तीन लाख रिसर्चर हैं और देश के संस्थान दुनियाभर के जर्नल का सब्सक्रिप्शन अपने-अपने स्तर पर लेते हैं जिन पर सभी संस्थानों का सालाना सब्सक्रिप्शन खर्च 1500 करोड़ रुपए है। यदि भारत इसमें सफल रहा तो ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।

इसी तरह रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वतंत्र कोष के रूप में ‘एसटीआई डेवलपमेंट बैंक’ बनाने का प्रस्ताव किया गया है, जो देश में मेगा साइंस प्रोजेक्ट्स और मध्यम दर्जे के अनुसंधान प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करे। अभी भारत के रिसर्च एंड डेवलपमेंट क्षेत्र में निजी क्षेत्र का योगदान न के बराबर है, जबकि सरकारी कोष की फंडिंग 98 फीसदी से भी अधिक है।

सरकारी पक्ष कहता है कि निजी क्षेत्र नियमों का ईमानदारी से पालन नहीं करते जबकि निजी क्षेत्र सरकार पर सुस्त होने का आरोप लगाता है। इसलिए एसआईटी डेवलपमेंट बैंक के रूप में एक स्वतंत्र कोष की स्थापना का प्रस्ताव किया गया है। इस बैंक के पास जनरल फाइनेंस रूल्स को बायपास करने का अधिकार भी होगा।

नई मसौदा नीति निर्माण समिति के मुखिया डॉ. अखिलेश गुप्ता ने कहा कि 63 पेज के इस ड्राफ्ट में 11 चैप्टर में 100 से अधिक नए आइडियाज को शामिल किया गया है। यह देश की पांचवीं साइंस पॉलिसी है। विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि यह डायनेमिक पॉलिसी होगी जो हर दूसरे साल संशोधित की जाएगी, न कि नई पॉलिसी के लिए 5 या 10 साल का इंतजार होगा।

यह भी प्रस्ताव : रिसर्च में महिलाओं की भागीदारी 16% से 30% करेंगे

  • अनुसंधान क्षेत्र में महिला भागीदारी को 30% तक बढ़ाने की तैयारी। अभी यह भागीदारी महज 16% है।
  • साइंस कम्युनिकेशन के लिए नया कैडर विकसित हाे। इसके तहत देश के सभी संस्थानों में खासतौर पर विज्ञान गतिविधियों को बताने के लिए समर्पित व्यक्ति को नियुक्त करने की बात की गई है।
  • पूर्णकालिक शोधकर्ताओं की संख्या और अनुसंधान व विकास पर खर्च अगले पांच साल में दोगुना करने का सुझाव दिया गया है।
  • विज्ञान, तकनीकी और नवाचार पर जीडीपी का 2.5% खर्च करने की सिफारिश की है।
  • देश में जवाबदेह अनुसंधान माहौल विकसित करने के लिए एजुकेशन, रिसर्च व मार्केट काे जाेड़ने की बात भी कही गई है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
दुनियाभर के सभी साइंटिफिक जर्नल का सब्सक्रिप्शन केवल सरकार लेगी और उनका एक्सेस (उन तक पहुंच) देश के हर नागरिक काे मिलेगा


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/35-lakh-researchers-of-the-country-spend-1500-crores-and-read-foreign-journals-now-the-government-will-take-a-subscription-every-citizen-can-read-128097175.html
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

IPL 2024 Points Table: SRH Gain Two Spots With Win, CSK Are At...

RCB vs CSK Now Straight Shootout For IPL Playoffs. Lara Picks Favourite

Imran Tahir Becomes Fourth Player Ever To Claim 500 wickets In T20 Cricket