गया में ऑनलाइन पिंडदान नहीं करवाएंगे पंडे, 700 बुकिंग रद्द; पंडे बोले- ऐसे तो हर कोई इसे बिजनेस बना लेगा

2 सितंबर बुधवार से पितृपक्ष शुरू हो जाएगा। कोरोना महामारी के कारण मोक्षनगरी गया में पितृपक्ष का मेला स्थगित होने के बाद अब यहां ऑनलाइन पिंडदान भी नहीं होगा। यहां सिर्फ आम दिनों की तरह ही पिंडदान होंगे। वह भी इसलिए ताकि एक पिंड और एक मुंड की परंपरा कायम रहे।

ऐसे तो परंपरा ही खत्म हो जाएगी

गया के पंडों ने ई-पिंडदान का यह कहकर विरोध किया है कि अगर यह प्रथा शुरू हुई तो लोग तीर्थस्थलों में आना बंद कर देंगे। प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा खत्म हो जाएगी। कोई भी पुरोहित नहीं रह जाएंगे। हर कोई इसके नाम पर बिजनेस करने लगेगा। इसलिए हमने करीब 700 ऑनलाइन बुकिंग रद्द कर दी हैं। इस फैसले के समर्थन में दक्षिण भारत के पुरोहितों के अलावा गया इस्कॉन समेत 50 से अधिक संस्थाओं ने सभी ऑनलाइन बुकिंग रद्द कर दी हैं।

हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे

बिहार पर्यटन विभाग ने भी बुकिंग नहीं की है। इधर, विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य महेश गुपुत ने बताया कि ई-पिंडदान जैसी प्रथा को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। अखिल भारतीय पुरोहित महासभा ने भी ऑनलाइन पिंडदान का विरोध किया है।

कोरोना काल के चलते पितृपक्ष में ऐसा पहली बार होगा, जब फल्गु नदी के तट पर देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृतियों की झलक देखने को नहीं मिलेगी। इस्कॉन मंदिर के प्रबंधक जगदीश श्याम दास महाराज ने बताया कि उनके पास करीब 10 तीर्थयात्रियों ने ऑनलाइन पिंडदान के लिए संपर्क किया था, लेकिन पंडों के साफ इनकार करने के बाद सभी बुकिंग को रद्द कर दिया गया। इधर, दक्षिण भारत के तीर्थयात्रियों ने भी एक संस्था के जरिए ऑनलाइन पिंडदान की बुकिंग कराई थी। लेकिन पंडाें का कड़ा रुख देखते हुए इन्होंने भी अपने हाथ खींच लिए।

अपने हाथों पिंडदान से पितरों को मोक्ष मिलता है, गया आना ही होगा

गया के पुरोहितों का कहना है कि सनातन धर्म में ऑनलाइन पिंडदान का कोई महत्व नहीं है। यह शास्त्र के अनुकूल नहीं है। ऑनलाइन दर्शन पर जब हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया, तो ऑनलाइन पिंडदान कैसे हो सकता है? पिंडदान के लिए गया आना ही होगा, तभी पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होगी। अपने हाथों पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। ऑनलाइन के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
गया के पुरोहितों का कहना है कि सनातन धर्म में ऑनलाइन पिंडदान का कोई महत्व नहीं है। यह शास्त्र के अनुकूल नहीं है। (फाइल)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2G6gzcf
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

IPL 2024 Points Table: SRH Gain Two Spots With Win, CSK Are At...

RCB vs CSK Now Straight Shootout For IPL Playoffs. Lara Picks Favourite

Imran Tahir Becomes Fourth Player Ever To Claim 500 wickets In T20 Cricket