पहली बार सिर्फ 15-16 लोगों की मौजूदगी में केदारनाथ के कपाट खुले; रावल क्वारैंटाइन में, नहीं थे मौजूद

केदारनाथ धाम के पट बुधवारसुबह 6 बजकर10 मिनट पर खुले। उत्तराखंड में मौजूद यह 1000 साल पुराना मंदिर हर साल सर्दियों के छह महीने बंद रहता है। इस बार कपाट खुलने के दौरान 15-16लोग ही मौजूद रहे। पिछले साल कपाट खुलने के दिन 3 हजार लोगों ने केदारनाथ के दर्शन किए थे।केदारनाथ मंदिर के रावल कपाट खुलने के दौरान मौजूद नहीं थे, वे क्ववारैंटाइन हैं।

मंत्रोच्चार के साथ खोले गए बाबा केदार के कपाट।

आज सबसे पहले मुख्य पुजारी ने भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा की और भोग लगाया। उसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर के कपाट खोले गए। फिर डोली ने मंदिर में प्रवेश किया। इसके बाद पुजारियों ने मंदिर की सफाई की, भगवान की पूजा की और भोग लगाया।

मंदिर और यात्रा से जुड़ी कई परंपराओं को इस बार बदलना पड़ा
हर बार इस पूजा और भोग के बाद मंदिर को दर्शन के लिए खोला जाता है। लेकिन इस बार दर्शन के लिए यात्रियों के यहां आने पर मनाही है। कोरोना के चलते इस इलाके में भी प्रशासन ने भीड़ जमा होने पर पाबंदी लगा रखी है। यही वजह थी कि मंदिर और यात्रा से जुड़ी कई परंपराओं को इस बार बदलना पड़ा। केदारनाथ मंदिर के रावल कपाट खुलने के दौरान मौजूद नहीं थे। वह 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से उत्तराखंड पहुंचेऔर ऊखीमठ में 14 दिन के क्वारैंटाइन में हैं। रावल 3 मई को केदारनाथ पहुंचेंगे।

मंदिर को 5 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।

यात्रा होगी या नहीं इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका है
वहीं, ऊखीमठ से केदारनाथ की डोली इस बार दो दिन में ही पहुंच गई और उसे गाड़ी में लाया गया। यह दूसरा मौका है जब डोली गाड़ी में आई है, इससे पहले देश में इमरजेंसी के वक्त ऐसा किया गया था। कोरोना की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन का प्रभाव चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। यात्रा होगी या नहीं इस पर फैसला अब तक नहीं हो सका है। पिछले साल 32 लाख लोगों ने चारधाम यात्रा की थी।

देशभर में कोरोना के चलते लॉकडाउन है, लिहाजा कपाट खुलने के दौरान इस इस बार 15-16 लोग ही रहे।

15 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट

कपाट खुलने की तारीख को लेकर भी विवाद हुआ था और सरकार ने इसे आगे बढ़ाने को कहा था,लेकिन रावल और हकहकूकधारियोंकी एक बैठक में पहले से तय तारीख पर ही पट खोलने का फैसला लिया गया। वहीं, बद्रीनाथ के कपाट पहले 30 तारीख को खुलने थे, जिसे अब बदलकर 15 मई कर दिया गया है।

12 ज्योतिर्लिंगों में यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना मंदिर है

मंदिर के पट हर साल वैशाख महीने यानी मार्च-अप्रैल मेंखोले जाते हैं। करीब 6 महीने तक यहां दर्शन और यात्रा चलती है। इसके बाद कार्तिक माह यानी अक्टूबर-नवंबर में फिर कपाट बंद हो जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की डोली ऊखीमठ ले जाई जाती है, जहां ओंकारेश्वर मंदिर में उनकी पूजा होती है। 12 ज्योतिर्लिंगों में यह सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना मंदिर है, जिसे आदि शंकराचार्य ने बनवाया था।

भगवान केदार के दर्शन करने के बाद बाहर निकलकर खुशी जाहिर करता एक तीर्थयात्री।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
सबसे पहले मुख्य पुजारी ने भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा की और भोग लगाया। उसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच मंदिर के कपाट खोले गए।


from Dainik Bhaskar /national/news/for-the-first-time-in-the-presence-of-only-15-20-people-the-doors-of-kedarnath-opened-in-the-rawal-quarantine-were-not-present-127257942.html
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

IPL 2024 Points Table: SRH Gain Two Spots With Win, CSK Are At...

RCB vs CSK Now Straight Shootout For IPL Playoffs. Lara Picks Favourite

Imran Tahir Becomes Fourth Player Ever To Claim 500 wickets In T20 Cricket