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लगातार दो दिन दिल्ली में 1000 से ज्यादा पॉजिटिव मिले, 24 घंटों में मरने वाले मरीजों की लिस्ट में 82 नए नाम

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस के केस पिछले तीन दिनों में अचानक बढ़े हैं। पिछले दो दिन गुरुवार और शुक्रवार को ये आंकड़ा 1000 पार कर गया।

गुरुवार को पहली बार दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों की संख्या 1000 पार गई थी। गुरुवार को 1024 और शुक्रवार को 1106 पॉजिटिव मिले थे।

इससे पहले 10 दिन तक पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों की संख्या 500 से ज्यादा आ रही थी। बुधवार को 792 पॉजिटिव मिले जो तब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था।

दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या शुक्रवार को 17 हजार का आंकड़ा पार कर गई है। यह पहली बार है जब लगातार दो दिन तक 1000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।

दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 17 हजार का आकंड़ा पार कर चुकी है।

इससे पहले 22 मई के दिन सबसे ज्यादा 660 और 27 मई को 792 मामले सामने आए थे।

इसके अलावा गुरुवार से शुक्रवार के बीच 24 घंटो में मरने वाले मरीजों की लिस्ट में 82 नए नाम जुड़ गए हैं।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के मुताबिक, इनमें 13 लोग वो हैं जिनकी उन 24 घंटों में मौत हुई है जबकि 69 नाम वे हैं जिनकी मौत की जानकारी अब मिली है। देश में मुंबई के बाद सबसे ज्यादा कोरोना मरीज दिल्ली में ही हैं।

दिल्ली में पॉजिटिव 17 हजार पार
प्रदेश में अब तक 17 हजार 386 पॉजिटिव मिले हैं
इनमें से 7846 संक्रमित ठीक हो चुके हैं
अब तक 398 लोगों की मौत हुई है

निजी अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं मरीज

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक एक्टिव मामलों में से भी क़रीब 50 प्रतिशत लोगों को उनके घरों में ही क्वारैंटाइन किया गया है।

वहीं 2 हजार से ज्यादा संक्रमित दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाख़िल किए गए हैं।

कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाले सभी बड़े निजी अस्पताल लगभग भर चुके हैं जबकि सरकारी अस्पतालों में तुलनात्मक रूप से भीड़ कम दिख रही है।

लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल, जिसे दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमितों के इलाज का मुख्य केंद्र बनाया है, यहां कोरोना संक्रमितों के लिए उपलब्ध दो हजार बेड में से क़रीब 1200 बेड खाली हैं।

सिर्फ़ आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार से जुड़े लोगों की भी प्राथमिकता सरकारी नहीं बल्कि निजी अस्पताल ही बन रहे हैं।

दिल्ली में केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक के कई बड़े सरकारी अस्पताल होने के बावजूद भी भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा कोरोना के लक्षण होने पर गुड़गांव स्थित एक निजी अस्पताल में ही दाख़िल हुए हैं।

प्राइवेट बनाम सरकारी

शहर के 7 प्राइवेट अस्पताल में कोविड के लिए 82 आईसीयू बेड हैं, दो दिन पहले तक उनमें से 74 भरे हुए थे।
शहर के 6 सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 348 आईसीयू बेड हैं, जिनमें से 111 पर ही मरीज हैं।

दिल्ली के 16 अस्पतालों में कोरोना मरीजों का ईलाज किया जा रहा है।

10 निजी और 6 सरकारी अस्पताल में चल रहा है इलाज

फ़िलहाल दिल्ली के 10 निजी और 6 सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है।

इनमें सबसे बड़ा लोक नायक अस्पताल है जहां दो हजार बेड उपलब्ध हैं। यहां आईसीयू में 64 बेड हैं और 125 वेंटिलेटर मौजूद हैं। सरकार का दावा है कि वह वेंटिलेटर बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है।

हाल ही में हुई एक बैठक में दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने उप राज्यपाल को रिपोर्ट देते हुए बताया है कि ‘कोविड 19 के संक्रमितों के लिए दिल्ली में जो अस्पताल चुने गए हैं उनमें 4,462 बेड, 429 आईसीयू बेड, 343 वेंटिलेटर और 2,632 ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेड उपलब्ध हैं।

कोरोना के लिए जो अस्पताल चुने गए हैं उनमें से2,632 ऑक्सिजन सपोर्ट वाले बेड उपलब्ध हैं।

अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में प्रेस को बताया है कि ‘हमारे सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध 3,829 बेड में से 3,164 बेड ऑक्सीजन सपोर्ट वाले हैं।

हम इसे और बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि कोरोना के गम्भीर मरीज़ों को सांस लेने में ही सबसे ज्यादा तकलीफ होती है और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है।’

केजरीवाल ने हर अस्पताल से कोरोना मरीजों के लिए बेड मांगे

हाल ही में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 50 बेड से ज्यादा की क्षमता वाले दिल्ली के तमाम अस्पतालों और नर्सिंग होम से अपने 20 प्रतिशत बेड कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित रखने की अपील की है।

लेकिन अस्पताल मालिकों का कहना है कि कोरोना संक्रमितों को बाक़ी मरीज़ों के साथ अस्पताल में रखना घातक हो सकता है, इससे संक्रमण और भी तेजी से फैल सकता है।

लिहाजा इन लोगों का मानना है कि दिल्ली सरकार को कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को पूरी तरह से सिर्फ़ कोरोना के मरीज़ों के इलाज के लिए चयनित करना चाहिए।

मामलों में अचानक आई तेजी के क्या कारण हैं?

लॉकडाउन 4 में दी गई छूट को कोरोना के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण माना जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यह बयान दिया है कि ‘लॉकडाउन में ढील दिए जाने से संक्रमण के बढ़ने की उम्मीद हमें थी।’

भीड़ बढ़ने से कोरोना संक्रमितों की संख्या में भी इजाफा होते जा रहा है।

बीते कुछ दिनों में दिल्ली में न सिर्फ़ हवाई उड़ानें, रेल यात्राएं और सड़क पर यातायात बढ़ा है बल्कि बाजारों में अब भीड़ नज़र आने लगी है।

हालांकि दुकानें अब भी सीमित समय के लिए ही खुल रही हैं लेकिन लोगों के घरों से निकलने पर पाबंदी हटा ली गई हैं। इसके चलते बाजारों से लेकर गली-मोहल्लों तक में अब भीड़ होने लगी है। यह भीड़ ऐसे समय पर उमड़ रही है जब देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बेहद तेजी से बढ़ रही है।



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लॉकडाउन 4 में दी गई छूट को दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण माना जा रहा है।


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